नुक्कड़ नाटक कार्यशाला का महत्त्व वह बच्चे अच्छी तरह समझते हैं जो पहले दिन अपना नाम तक बताने में शर्माते हैं या झिझकते हैं लेकिन 10 दिनों की कार्यशाला के बाद न केवल युवा अपना परिचय दे पाते हैं बल्कि सैकड़ों लोगों के बीच समाज के बड़े बड़े मुद्दों को हस्ते हंसाते नाटक के द्वारा रख पाते हैं, नुक्कड़ नाटक कार्यशाला न केवल बच्चों में छुपी प्रतिभा को निखारता है बल्कि साथ साथ मुद्दों के विभिन्न पहलुओं को समझने में भी मदद करता है एवं समाज के प्रति उनका नजरिया भी बदलता है, दिल्ली यंग आर्टिस्ट्स फोरम की तरफ से ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन अक्सर होता रहता है
Theatre Workshop R.K. Puram (JUN 2010)
साउथ दिल्ली के आर के पुरम (रविदास कैम्प) एवं वसंत विहार(कुसुमपुर) के बच्चों ने नुक्कड़ नाटक कार्यशाला में हिस्सा लिया, 6 दिनों की इस कार्यशाला में 22 बच्चों ने हिस्सा लिया, इस कार्यशाला में नुक्कड़ नाटक " वह तो पढ़ना ही नहीं चाहती ? " की रूप रेखा तैयार की गयी,
कार्यशाला फोटो - 1
कार्यशाला फोटो - 1
कार्यशाला फोटो - 3
==============================================
बवाना पुनर्वास कोलोनी में ऐसे बच्चों की संख्या हज़ार से ज्यादा है जिनकी पढाई झुग्गी उजाड़ दिए जाने के कारण बर्बाद हुयी, उन बच्चों के घरों को जिन में वह पैदा हुए एवं पाले बढे - जिन्हें हम झुग्गी झोपडी के नाम से जानते हैं - उनकी नज़र के सामने उजाड़ दिया गया एवं दिल्ली शहर के बीच से हटा कर रिठाला मेट्रो स्टेशन से लगभाग 15 किलोमीटर दूर बवाना पुनर्वास कोलोनी में बसाया गया, ऐसे बच्चों की संख्या सैकड़ों हैं जिनकी पढाई 2 - 3 साल के लिए छूट गयी जिसका अनकहा गुस्सा उनके अन्दर साफ़ दिखाई देता है, उन बच्चों को खेल कूद, नाटक एवं कला के माध्यम से जोड़ कर दोबारा आम ज़िन्दगी में लाने की कोशिश की जा रही है.
Theatre Workshop Bawana (APRIL 2010)
बवाना पुनर्वास कोलोनी में नुक्कड़ नाटक कार्यशाला का आयोजन अप्रैल 2010 में २० दिनों के लिए किया गया, इस कार्यशाला में लगभग 60 छोटे बड़े बच्चों ने हिस्सा लिया, इलाके में कोई हाल आदि नहीं होने के कारण धुप ढल जाने के बाद कार्यशाला का समय रखा गया एवं बिजली नहीं होने के कारण अँधेरा होने से पहले उसे ख़तम किया गया, तमाम असुविधाओं के बावजूद बच्चों में कार्यशाला के लिए काफी उत्साह देखने को मिला.
नाटक कार्यशाला के दौरान अपनी आपबीती बताते बच्चे
छोटी छोटी टीम में बात कर बोलने की प्रैक्टिस करते बच्चे
कार्यशाला में बिना रस्सी के रस्सी खेचने का अभ्यास करते बच्चे
अपनी आपबीती को कहानी का रूप देते कार्यशाला की एक टीम के बच्चे
नाटक की प्रैक्टिस करते कार्यशाला की एक टीम के बच्चे
कार्यशाला में एक टीम की नाटक प्रस्तुति
====================================================
Theatre Workshop Tigri (September 2010)
साउथ दिल्ली के तिगरी झुग्गी बस्ती में बच्चों ने अपने बस्ती में पानी की परेशानी को सामने लाने के लिए एक नुक्कड़ नाटक कार्यशाला के दौरान नाटक करना सिखा, एक नुक्कड़ नाटक " मै नहीं- वो करेंगे " तैयार की एवं उसे अपने इलाके में प्रस्तुत भी किया, नाटक के स्क्रिप्ट को याद कर नाटक तैयार करते बच्चे, इस कार्यशाला में 25 बच्चों ने हिस्सा लिया
No comments:
Post a Comment