(दिल्ली यंग आर्टिस्टस फोरम)
दिल्ली यंग आर्टिस्टस फोरम का गठन दिसम्बर 2007 में किया गया। इस फोरम की शुरूआत खानपुर, वजीरपुर, कुसुमपुर पहाड़ी, एंव रोहिणी के युवाओं को एक साथ लाकर किया गया। इस फोरम के गठन के पीछे का मकसद युवाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जीवन से जुड़े मुददे एंव सामाजिक समस्याओं से अवगत कराना एंव उन समस्याओं को समझ कर रास्ता तलाश करना। जहां एक तरफ दिल्ली के अन्दर अच्छे अच्छे स्कूल हैं जिनमें पढ़ाई, खेल कूद एंव सांस्कृतिक कार्यक्रम व मनोरंजन से लेकर ऐतिहासिक धरोहरों के भ्रमण कराये जाते हैं। जिन से उनका ज्ञान बढ़ता है वहीं दूसरी ओर शहर के गरीब युवा जो झुग्गी बस्तीयों एंव पुनर्वास कालोनियों एवं कच्ची कालोनियों में रहते हैं। न तो उनकी स्कूली शिक्षा उतनी अच्छी होती है और न अन्य खेल कूद, सांस्कृति व ऐतिहासिक चीजों को देखने समझने का मौका मिलता है। कारण वश एक समय के बाद युवाओं में अच्छे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे बच्चियों को बेहतर स्थिती में देख कर निराशा होने लगती है। जो धीरे धीरे अलग रास्ते पर ले जाती है। युवाओं में कला, संस्कृति, खेल कूद, शिक्षा, ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण एंव इस तरह के अन्य माध्यमों का इस्तामाल कर युवाओं को एक जुट कर उनके द्वारा सामाजिक मुददों को समाज के सामने एंव खास तौर पर युवाओं के सामने लाने के लिए दिल्ली यंग आर्टिस्ट्स फोरम का गठन किया गया।
दिल्ली यंग आर्टिस्ट्स फोरम शहर में चल रही गतिविधियों के साथ साथ साउथ दिल्ली की झुग्गी बस्तियों एवं बवाना पुनर्वास कालोनी में केन्द्रित हो कर काम करती है, कामों को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक संयोजन समिति एवं आयोजन टीम है